संज्ञा किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण: Sangya Ki Paribhasha Aur Uske Bhed
हम सभी को छोटी कक्षा से ही हिंदी व्याकरण पढ़ाया जाने लगता है जहां पर हमें पहला ही टॉपिक संज्ञा किसे कहते हैं के बारे में बताया जाता है।
लेकिन जैसे ही हम बड़ी कक्षा में जाते हैं तो हमें संज्ञा के बारे में और भी अधिक जानकारी मिलती है यहां आपको संज्ञा की परिभाषा उसके भेद और कई उदाहरण के साथ विस्तार से समझाया गया है।
संज्ञा किसे कहते हैं?
जब भी हम किसी व्यक्ति वस्तु प्राणी भाव और स्थान आदि का नाम लेते हैं तो उसे संज्ञा कहा जाता है, संज्ञा एक तरह का विकारी शब्द है जिसका अर्थ ‘नाम’ होता है और दुनिया में जितने भी वस्तु स्थान प्राणी है उन सभी का अपना-अपना नाम है।
संज्ञा के उदाहरण
- सीता, भोपाल, किताब, सड़क, गाय इत्यादि संज्ञा के ही उदाहरण है।
ध्यान रखें कि जब आप किसी व्यक्ति इस क्या स्थान या किसी अन्य चीज का नाम लेते हैं तो वे संज्ञा कहलाता है यहां व्यक्ति संज्ञा नहीं है।
जैसे की:- रमेश सोने जा रहा है, इस वाक्य में रमेश नाम को संज्ञा कहा गया है।
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संज्ञा के भेद
अब आप समझ गए की संज्ञा की परिभाषा क्या है, अब आपको बता दे संज्ञा के पांच भेद होते हैं जिनके बारे में एक-एक करके हम समझेंगे।
- व्यक्तिवाचक संज्ञा:- जब हम किसी विशेष तरह के व्यक्ति या विशेष वस्तु का नाम लेते हैं तो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहा जाता है जैसे की रोहन, सोहन, सीता, दिल्ली, भोपाल, अहमदाबाद आदि।
- जातिवाचक संज्ञा:- जब हम किसी विशेष वस्तु व्यक्ति या फिर स्थान को दर्शाते हैं तो वह जातिवाचक संज्ञा कहलाता है। जैसे की शहर, देश, फूल, फल इत्यादि।
- भाववाचक संज्ञा:- जब किसी शब्द में विशेष तरह के भाव और अवस्था का बौध दिखाई पड़ता है तो वह भाववाचक संज्ञा कहलाता है जैसे की प्रेम, घृणा, लालच, खुशी, दया, ईमानदारी आदि।
- समूह वाचक संज्ञा:- जब कोई शब्द किसी विशेष समुदाय समूह या फिर एक तरह की झुंड को दर्शाता है तो उसे हम समूह वाचक संज्ञा कहते हैं जैसे की सेना परिवार सभा आदि।
- द्रव्यवाचक संज्ञा:- जब कोई शब्द द्रव्य, अधातु और धातु का बौध करवाते हैं तो वे द्रव्य वाचक संज्ञा कहलाते हैं जैसे कि सोना चांदी लोहा पानी तेल आदि।